एक और विशेष बात जिसे मैं जीवन भर नहीं बुला पाई हूं एक और विशेष बात जिसे मैं जीवन भर नहीं बुला पाई हूं
मैंने अपनी आँखों में शर्म को पनाह दी, और सब कुछ नज़रअंदाज करते हुए आगे बढ़ने लगा कि तभी किसी से टकरा... मैंने अपनी आँखों में शर्म को पनाह दी, और सब कुछ नज़रअंदाज करते हुए आगे बढ़ने लगा...
जब से मैने मेरा लकी बैंड पहना है। तब से हर टूर्नामेंट मैं मेने मैडल जीते है।" जब से मैने मेरा लकी बैंड पहना है। तब से हर टूर्नामेंट मैं मेने मैडल जीते है।"